भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म को एकत्रित करने एवं प्रचार प्रसार हेतु हजार साल पूर्व चार धाम की स्थापना हुई थी

भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म को एकत्रित करने एवं प्रचार प्रसार हेतु हजार साल पूर्व चार धाम की स्थापना हुई थी

भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म को एकत्रित करने एवं प्रचार प्रसार हेतु हजार साल पूर्व चार धाम की स्थापना हुई थी

भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म को एकत्रित करने एवं प्रचार प्रसार हेतु हजार साल पूर्व चार धाम की स्था

दिल्ली। भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म को एकत्रित  करने  एवं प्रचार प्रसार हेतु हजार साल पूर्व चार धाम की स्थापना हुई थी । भारत के बाहर इसी उद्देश्य को लेकर पांचवें धाम की स्थापना का  प्रयास शुरू हो गया है ।  यह प्रयास पांचवें धाम के रूप में सीम रीप कम्बोडिया में पुनः:स्थापित करने के लिए पंचम धाम न्यास की ओर से  किया जा रहा है । पंचम धाम अपनी वृहत कार्यशैली के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप के 52 देशों में सनातन पुनर्जागरण के काम में लगी हुई  है । इस मुहिम का नेतृत्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री इन्द्रेश कुमार एवं डायसपोरा के अन्य प्रवासी भारतीय प्रमुख कर रहे है  । इसमें लंदन के प्रमुख व्यवसायी श्री शैलेष लाचू हीरानंदानी भी शामिल है उन्होंने सिम-रीप में इस कार्य को शुरू किया है । पांचवे धाम की महता और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में पंचम धाम न्यास के ट्रस्टी एवं महासचिव श्री शैलेश वत्स से दैनिक अर्थ प्रकाश ने विशेष बातचीत की है । प्रस्तुत है इसके मुख्य अंश

प्रश्न 1. पंचम धाम की परिकल्पना क्या है? इसके बारे में विस्तार से बताएं ।
उत्तर- सनातन संस्कृति जीवन जीने की उत्कृष्ट कला है । इस बात से न केवल भारत के लोग परिचित है , अपितु भारतीय उपमहाद्वीप तट पर बसे लगभग 50 से 52 देशों में भी ये कला प्राचीन कला से विद्यमान है । इन देशों से हमारा व्यापार और धर्म के साथ संस्कृति का आदान-प्रदान होता रहा है । आस्ट्रेलिया से दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में सनातन संस्कृति छोटे-छोटे रूप में बिखरी हुई है । आज भी इसके प्रति वहां के लोगों में सनातन संस्कृति के प्रति आस्थाएं जीवित है । पंचम धाम न्यास का ये प्रयास है कि इन बिखरी हुई धार्मिक आस्थाओं को पुन:संकलित कर हिन्दुत्व के प्रचार –प्रसार को आगे बढ़ाया जाए ।

प्रश्न 2- पंचम धाम का रोड मैप क्या है ?
उत्तर – कंबोडिया का सिम-रीप एक सांस्कृतिक विरासत का शहर है । महात्मा बुद्ध के विचारों से लेकर हिन्दू देवी देवताओं के 117 मंदिर आज भी मौजूद है । आस्था के आधार पर सर्वप्रथम इस पवित्र  स्थल को हम पांचवें धाम के रूप में पुनः:स्थापित करने का प्रयास कर रहे है । इसके साथ-साथ पंचम धाम भारतीय उपमहाद्वीप के 52 देशों की यात्रा पर है । जहां सनातन के झंडे को लेकर वहां बसे लोगों की आस्था को एकत्रित करने का प्रयास कर रहे है । साथ ही पंचम धाम का ये संकल्प है कि कुछ देशों में वहां बसे सनातन प्रेमी और सरकारों के साथ मिलकर सनातन संस्कार ध्यान केन्द्र की स्थापना की जा रही है ।

प्रश्न 3 – पंचम धाम की योजना कब तक पूर्ण होगी ?
उत्तर – आस्था में समय नहीं देखा जाता हो सकता इस पुण्य काम में 100 वर्ष का समय लग जाए , हमारी आने वाली पीढ़ियां इस मुहिम को लेकर आगे बढ़े ।

प्रश्न 4– पंचम धाम न्यास के सनातन संस्कृति के पुन:जागरण अभियान से लोग कैसे जुड़े ?
उत्तर – पंचम धाम न्यास  भारत के अलावा अन्य देशों में भी पंजीकृत  और कार्यरत है । लोगों को जोड़ने की आवश्यकता पंचम धाम न्यास की बजाय इसकी मुहिम से है । सनातन धर्म में आस्था रखने वाली छोटी –छोटी इकाइयां न्यास के द्वारा बनाई गई परिपाटी  पर चल कर सनातन संस्कृति को समृद्ध कर रहे है ।